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भाजपा को बड़ा झटका, ममता ठाकुर बनीं जनपद अध्यक्ष, कांग्रेस का विजय जुलूस

🔹 उपाध्यक्ष पद पर राजकुमारी नेताम निर्वाचित, कांग्रेस की रणनीति ने बदला खेल
🔹 भाजपा का गणित फेल, कांग्रेस ने महिला नेतृत्व को दिया सम्मान
🔹 विधायक उत्तरी जांगड़े और अरुण मालाकार की रणनीति रही कारगर

सारंगढ़: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर हुए जनपद पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष चुनाव में कांग्रेस ने बड़ा उलटफेर कर भाजपा को करारी शिकस्त दी। कांग्रेस की ममता राजू सिंह ठाकुर ने 15 मतों के साथ अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाया, जबकि भाजपा की रजनी चौक लाल पटेल को मात्र 10 मत मिले। वहीं, उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस समर्थित राजकुमारी चंद्र कुमार नेताम ने 14 मतों से जीत दर्ज की।

भाजपा का गणित फेल, कांग्रेस ने खेला मास्टरस्ट्रोक

चुनाव से पहले भाजपा के पास 14 सदस्यों का समर्थन बताया जा रहा था, जबकि कांग्रेस के पास केवल 11 जनपद सदस्य थे। लेकिन अंतिम समय में कांग्रेस के ‘यू-टर्न’ ने भाजपा का पूरा गणित बिगाड़ दिया। कांग्रेस ने स्मार्ट रणनीति अपनाकर तीन भाजपा सदस्यों को अपनी ओर कर लिया, जिससे भाजपा की स्थिति कमजोर हो गई।

विधायक उत्तरी जांगड़े और अरुण मालाकार की रणनीति रही सफल

इस जीत में विधायक उत्तरी गणपत जांगड़े और कांग्रेस जिला अध्यक्ष अरुण मालाकार की अहम भूमिका रही। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार रणनीति बनाकर न केवल भाजपा के दावों को ध्वस्त किया, बल्कि अपनी मजबूती भी साबित की।

जनपद कार्यालय के बाहर हंगामा, पुलिस रही बेबस

चुनाव के दौरान जनपद पंचायत कार्यालय के बाहर भारी हंगामा हुआ। भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई, यहां तक कि पुलिस बल भी हालात को संभालने में नाकाम नजर आया। कई बार नारेबाजी के साथ धक्का-मुक्की की घटनाएं सामने आईं।

कांग्रेस ने निकाला विजय जुलूस, भाजपा में गुटबाजी हावी

चुनाव परिणाम घोषित होते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विजय जुलूस निकाला और ‘जय पंजा’ के नारों से सारंगढ़ गूंज उठा। वहीं, भाजपा के कार्यकर्ता असंतोष में गुटों में बंटे नजर आए।

महिला सशक्तिकरण को मिला बढ़ावा

कांग्रेस ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर दो महिला नेताओं को नेतृत्व की जिम्मेदारी देकर महिला सशक्तिकरण को मजबूत किया। जनपद अध्यक्ष ममता ठाकुर और उपाध्यक्ष राजकुमारी नेताम के नेतृत्व में अब जनपद पंचायत सारंगढ़ का संचालन होगा।


👉 निष्कर्ष: इस चुनाव में भाजपा की गुटबाजी और कांग्रेस की रणनीति ने अहम भूमिका निभाई। भाजपा जहां खुद को ठगा महसूस कर रही है, वहीं कांग्रेस ने मजबूत पकड़ और कुशल नेतृत्व से एक बार फिर अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत कर लिया है।

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